भारत-चीन विवाद से फिर चर्चा में कालापानी
डोकलाम विवाद को लेकर चीन तीन क्षेत्रों की तरफ से भारत को घेरने की धमकी दे रहा है। इनमें पहला कश्मीर है। गुलाम कश्मीर का कुछ हिस्सा पाकिस्तान ने उसे दे दिया है। दूसरा, उत्तराखंड, नेपाल और चीन सीमा पर स्थित कालापानी।ये दोनों भी डोकलाम जैसे त्रिपक्षीय इलाके (तीन देशों से जुड़ी सीमा) हैं।
आइये जाने कालापानी के बारे में
------------------
कालापानी क्षेत्र भारत, नेपाल व चीन सीमा का ट्राई जंक्शन (तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर पडऩे वाला स्थान) है। तकनीकी रूप से भारत और नेपाल के बीच इस क्षेत्र में लंबे समय से सीमा स्पष्ट नहीं हो पाई है। यहां सीमा विवाद सिर्फ तकनीकी स्तर पर नजर आता है।
इतिहास के आईने में कालापानी
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में ब्यांस पट्टी स्थित कालापानी क्षेत्र 1815 में गोरखा युद्ध के बाद भारतीय भूमि का हिस्सा बन गया था। भारत में उस समय राज कर रही ब्रिटिश सरकार और नेपाल के बीच शांति संधि हुई। परिणामस्वरूप काली नदी के पश्चिम का क्षेत्र नेपाल के महाराजा ने ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया। इसके आधार पर कालापानी स्रोत तक काली नदी के साथ-साथ लिपु धुरा तक सीमा रेखा तय कर दी गई। ब्रिटिशकाल में 1879 में तैयार किए गए कुमाऊं व गढ़वाल के मानचित्र में इस क्षेत्र को भारत का हिस्सा बताया गया है। बताया जाता है कि मूल मानचित्र लंदन स्थित ब्रिटिश-भारत पुस्तकालय में उपलब्ध है।
-------------
(मीडिया स्रोतों से)

