Sunday, 4 October 2015

बोर्ड की परीक्षा

बोर्ड की परीक्षा

सेमेस्टर परीक्षा के पहले ही दिन जिस तरह खुलकर नकल हुई उससे हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के दावों की कलई खुल गई है। पहले ही दिन प्रदेशभर में 495 विद्यार्थी अवांछित सामग्र्री का इस्तेमाल करते पकड़े गए और 69 केंद्रों की परीक्षा रद करनी पड़ी। हालांकि विभिन्न केंद्रों से आ रही खबरों को देखते हुए यह संख्या भी कम लगती है। जिस तरह पुलिसकर्मियों के सामने बाहरी लोग अपने सगे-संबंधियों को नकल कराते देखे गए, उससे नहीं लगता कि नकल करने या कराने वालों के मन में कोई खौफ रहा हो। ग्र्रामीण क्षेत्र में ही नहीं, शहर में बनाए गए परीक्षा केंद्रों पर नकल के लिए मोबाइल फोन और दूसरे साधनों का जमकर दुरुपयोग हुआ। बोर्ड के उडऩदस्ते बेशक दौड़ लगाते रहे, लेकिन यह कितना कारगर रहा, कहना मुश्किल है। दरअसल, इस हालात के लिए स्वयं बोर्ड और सरकार ही जिम्मेदार है। प्रथम सेमेस्टर परीक्षाओं की तैयारी हो चुकी थी, लेकिन पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद इसे टाल दिया गया। ऐसे संकेत मिल रहे थे कि इस बार यह परीक्षा कराई ही न जाए। इससे बोर्ड की तैयारी तो शिथिल पड़ ही गई, विद्यार्थी भी सुस्त हो गए। अब जब पंचायत चुनाव की अधिसूचना रद करनी पड़ी तो फिर परीक्षा की चिंता हुई। चूंकि पंचायत चुनाव का होना, बहुत हद तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर है, इसलिए बोर्ड परीक्षा को निपटाना जरूरी था। आने वाले त्योहारों को देखते हुए इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता था। लिहाजा आधी-अधूरी तैयारी के बावजूद पुरानी तिथि पर ही परीक्षा कराने का निर्णय ले लिया गया। चिंता की बात यह है कि यह सब करते हुए नौ लाख बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं की गई। जिस अनमने भाव और जल्दबाजी में परीक्षा की घोषणा की गई, उसमें सबकुछ सही चलने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? तैयारी के लिए जब महज चार दिन मिल रहे हों, तो परीक्षा में उनका बैठना ही कम नहीं है। बोर्ड का यह दावा भी गले नहीं उतर रहा कि तैयारी पूरी है। परीक्षा केंद्रों पर अध्यापकों की ड्यूटी लगाने में ही गड़बड़ी सामने आ गई। कहीं का प्रश्नपत्र कहीं और भेज दिया गया। परीक्षा की घोषणा से पूर्व बोर्ड अधिकारी भी मान रहे थे कि सफलता पूर्वक परीक्षा कराना संभव नहीं है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार का दावा करने वालों से यह सवाल तो बनता ही है कि हजारों के भविष्य से खिलवाड़ क्यों किया गया?
(०१.१०.२०१५)

No comments:

Post a Comment