Friday, 26 September 2014

कैसे हो मासूम का गर्भपात



कैसे हो मासूम का गर्भपात

हरियाणा में इन दिनों 14 साल की मासूम लड़की के गर्भपात का मुद्दा सभी के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। दरअसल, अदालत ने दुष्कर्म पीडि़त इस नाबालिग को गर्भपात की इजाजत दे दी है, लेकिन मेडिकल कानून इसकी इजाजत नहीं देते। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट (एमटीपी) के अनुसार गर्भ धारण के बीस सप्ताह बाद गर्भपात नहीं किया जा सकता, जबकि बच्ची का गर्भ पांच माह का हो चुका है। इस अïवस्था में गर्भपात जोखिम भरा हो सकता है। अदालत के आदेश और बच्ची का भविष्य देख डॉक्टर गर्भपात करते हैं दूसरा कानून टूटता है। दूसरी तरफ, पेट में पल रहे बच्चे को लेकर मानसिक व शारीरिक वेदना से ग्रस्त किशोरी की हालत देख परिजन किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में हैं। पिता तो इस कदर टूट गए हैं कि गर्भपात न होने पर आत्मदाह कर लेने की बात कह रहे हैं। मां की तो बुद्धि ही मार गई है। बच्ची की स्थिति यह है कि लगातार काउंसलिंग का कोई असर नहीं दिख रहा। वह कुछ बोलती ही नहीं, ज्यादा पूछने पर रो पड़ती है। मनोविशेषज्ञ भी उसकी हालत देख चिंतित हैं।
लड़की को इस दशा में पहुंचाने वाला 57 वर्षीय व्यक्ति रिश्ते में उसका दादा लगता है। बीते छह माह से डरा-धमकाकर वह उसे हवस का शिकार बना रहा था। मां भी नहीं समझ पा रही थी कि बेटी डरी-सहमी और गुमशुम क्यों रहती है? शारीरिक परेशानी बढऩे पर मां ने प्यार से पूछा तो उसने जो बताया पैरों तले जमीन खिसक गई।

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